उचेहरा : आँखों में इंतज़ार, पाँव में दर्द ,78 साल बाद भी सड़क से वंचित एक गाँव

मऊगंज, मध्य प्रदेश: भारत को आजादी मिले 78 साल हो चुके हैं, लेकिन मऊगंज जिले के अंतर्गत आने वाले ग्राम बढ़खरा के एक हिस्से में आज भी लोग सड़क और रास्ते के लिए तरस रहे हैं। यह स्थिति इस बात का सबूत है कि विकास की गति अभी भी कुछ क्षेत्रों में धीमी है।

यह गांव पहले रीवा जिले का हिस्सा था, लेकिन मऊगंज के नया जिला बनने के बाद यह इसमें शामिल हो गया। हालांकि, जिले के बदलाव के बाद भी, विकास का कोई नामोनिशान नजर नहीं आता। बढ़खरा गांव का यह हाल विशेष रूप से कहतारिहन टोला का है।

सांसद और विधायक पर सवाल

इस क्षेत्र से लंबे समय से विधायक रहे गिरीश गौतम हैं, जो पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के जनार्दन मिश्रा यहां से सांसद हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इतने प्रभावशाली जनप्रतिनिधियों के बावजूद, उनके गांव की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।

कहतारिहन टोला से होकर कई लोगों का रास्ता गुजरता है, जिसमें पास के गांव उचेहरा की आधी आबादी और बढ़खरा गांव के कठेल्हन तरफ के लोग शामिल हैं। यह गांव ग्राम पंचायत उचेहरा के अंतर्गत आता है, जिसका LGD कोड 147034 है।

शिकायतें लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
स्थानीय निवासियों के अनुसार, उन्होंने इस समस्या की शिकायत पंचायत से लेकर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन तक हर जगह की है और मदद मांगी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि जब उन्होंने शिकायत की, तो पंचायत सचिव ने उल्टा उनसे पूछा, “मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत क्यों की?”

आज भी इस बस्ती की हालत 200 साल पुरानी लगती है, जहाँ आधुनिक सुविधाओं का अभाव है। लोग अब कलेक्टर कार्यालय जाने और ज्ञापन सौंपने की योजना बना रहे हैं, ताकि उनकी आवाज़ उच्च अधिकारियों तक पहुँचे और उन्हें जल्द से जल्द सड़क मिल सके।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की भूमिका पर सवालिया निशान

यह घटना स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करती है। आज़ादी के इतने सालों बाद भी क्या लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ेगा? ग्रामीणों को उम्मीद है कि उनकी शिकायत पर ध्यान दिया जाएगा और जल्द ही उन्हें पक्की सड़क मिलेगी, जिससे उनकी कठिनाइयाँ कम होंगी।