चन्द्रयान 3 के बाद अब, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि पहला सूर्यायान 2 सितम्बर को श्रीहरिकोटा से लांच करेंगे। यह लगभग 15 लाख किलोमीटर दूरी तक जायेगा। आदित्य L1, पृथ्वी और सूर्य के बीच के L1 लैग्रेंज बिंदु पर तैनात होगा। यह L1 बिंदु पृथ्वी और सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के बीच एक संतुलन बिंदु है।
यह मिशन भारत की अंतरिक्ष विज्ञान में प्रगति को प्रदर्शित करेगा और भारत को एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
आदित्य L1 मिशन के कुछ प्रमुख लाभ:
- यह हमें सूर्य के वायुमंडल, चुंबकीय क्षेत्र और सौर हवा को समझने में मदद करेगा।
- यह हमें सौर तूफानों और अन्य सौर घटनाओं की भविष्यवाणी करने में मदद करेगा।
- यह हमें पृथ्वी को सौर विकिरण से बचाने के बेहतर तरीकों को विकसित करने में मदद करेगा।
- यह हमें अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए नए तकनीकों को विकसित करने में मदद करेगा।