विमान दुर्घटना में लापता चार बच्चे 40 दिन बाद अमेज़न के जंगल में जिंदा मिले

अमेजन के घने जंगल में लापता चार बच्चे 40 दिन बाद सकुशल बचा लिए गए हैं। ये 11 महीने से लेकर 13 साल के हैं। यह किसी फिल्मी कहानी की तरह लग रहा है पर सच है। बच्चे ह्यूटोटो समुदाय से हैं। अधिकारियों का कहना है कि सबसे बड़े बच्चे को घने जंगल में कैसे अपनी जान बचाई जाती है उसकी थोड़ी बहुत जानकारी थी, जिसका उन्हें फायदा मिला। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने इसे पूरे देश के लिए खुशी का दिन बताया। उन्होंने शनिवार को बच्चों से मुलाकात की।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि सात लोगों को अराराकुआरा के अमेजोनियन से सैन जोस डेल गुआवियारे ले जा रहा छोटा विमान एक मई को अमेजन के जंगल में दुर्घनाग्रस्त हो गया। इसमें बच्चों की मां सहित तीनों वयस्कों की मौत हो गई।

हादसे के दो हफ्ते बाद 16 मई को जंगल में मलवा मिला। इसमें तीन लोगों के शव मिले पर चारों बच्चे लेस्ली जैकबोम्बेयर मुकुटुय (13), सोलेनी जैकबोम्बेयर मुकुटुय (नौ), टीएन रानोक मुकुटुय (चार) और क्रिस्टिन रानोक मुकुटुय (11 महीने) गायब थे।

चलाया गया तलाशी अभियान

150 सैनिकों ने खोजी कुत्तों के साथ जंगल में उनकी तलाश शुरू की। जंगल को जानने वाले स्थानीय आदिवासियों की भी सहायता ली गई। अभियान घटनास्थल के करीब साढ़े चार किलोमीटर के दायरे में चलाया गया।

जांच के दौरान रास्ते में दूध का बोतल, डाइपर, बच्चों द्वारा खाए गए फल, टहनियों और पत्तों की मदद से बने आश्रयस्थल मिलने पर उनके बचे होने की उम्मीद बढ़ गई। इसके बाद सेना की ओर से उन इलाकों में खाने पीने का सामान भी गिराया गया, जिससे बच्चों को मदद मिल सके। उनकी दादी की सभी बच्चों को एक जगह रहने का रिकार्डेड संदेश भी जंगल में प्रसारित कराया गया।

अंत में सेना को सफलता मिली और सभी बच्चे सकुशल बरामद कर लिए गए। बचाए गए बच्चों में तीन लड़कियां और एक लड़का शामिल है। सेना ने शुक्रवार को बच्चों के साथ वाली तस्वीर ट्वीट की। डाक्टर बच्चों की जांच कर रहे हैं।

बेहद खतरनाक है अमेजन का जंगल

अमेजन का जंगल कई मायनों में बेहद खतरनाक है। यहां जगुआर, पूमा जैसे आदमखोर जानवरों के साथ ही जहरीलें सांप भरे पड़े हैं। यहां का मौसम भी लोगों के लिए बेहद प्रतिकूल है। तेज बारिश और उमस के कारण यहां जीना आसान नहीं है।

मच्छर और अन्य कीड़े मकोड़े भी एक-एक दिन गुजारना कठिन कर देते हैं। इसके साथ ही जंगल में अवैध रूप से पेड़ों को काटने वाले और ड्रग तस्कर भी इन बच्चों के लिए खतरा थे, लेकिन प्रतिकूल हालात में जिंदा रहने की उनकी जिजीविषा ने उन्हें बचा लिया।

बच्चों की हिम्मत की पूरी दुनिया में सराहना की जा रही है। वे ह्यूटोटो समुदाय से हैं। उनके बच्चों को बचपन से ही मछली पकड़ने और जंगलों में जीने की शिक्षा दी जाती है। इसका लाभ भी उन बच्चों को मिला।