अपने केमिकल हथियार को नष्ट करने की घोषणा करते हुए अमेरिका, रूस के दबाव में: राष्ट्रपति बाइडेन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की है कि वह सितंबर 2023 तक अपने सभी केमिकल हथियारों को नष्ट कर देगा। दरअसल, पिछले महीने ही रूस और चीन ने एक संयुक्त बयान जारी कर अमेरिका पर केमिकल हथियारों को नष्ट करने के दबाव को बढ़ाया था। बयान में कहा गया था कि अमेरिका एकमात्र केमिकल वेपन कन्वेंशन का सदस्य होने के बावजूद अभी तक अपने रासायनिक हथियारों को नष्ट नहीं किया है।

व्हाइट हाउस ने कहा कि अगले हफ्ते अमेरिका और CWC के सदस्य एक कॉन्फ्रेंस के लिए इकट्ठा होंगे। इसमें दुनिया को केमिकल हथियारों से मुक्ति दिलाने पर चर्चा की जाएगी। हम दुनिया को उदाहरण के जरिए लीड कर रहे हैं। अमेरिका हमेशा इस तरह के खतरनाक हथियारों को इकट्ठा करने का विरोध करता रहेगा। हमें दूसरे देशों को भी CWC के साथ काम करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

केमिकल हथियार क्या होते हैं?
ऑर्गेनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वेपंस (OPCW) के मुताबिक, केमिकल हथियार ऐसे हथियार होते हैं जिनमें जहरीले केमिकल का इस्तेमाल जानबूझकर लोगों को मारने या नुकसान पहुंचाने के लिए होता है।

ऐसे सैन्य उपकरण जो खतरनाक केमिकल को हथियार बना सकते हैं, उन्हें भी केमिकल हथियार या रासायनिक हथियार माना जा सकता है। केमिकल हथियार इतने घातक होते हैं कि ये पल भर में हजारों लोगों को मौत की नींद सुला सकते हैं और साथ ही उन्हें अलग-अलग बीमारियों के प्रभाव से तिल-तिल कर मरने को मजबूर कर सकते हैं। केमिकल हथियार बायोलॉजिकल हथियार से अलग होते हैं। बायोलॉजिकल हथियार में बैक्टीरिया और वायरस के जरिए लोगों को मारा या बीमार किया जाता है। केमिकल हथियार सामूहिक विनाश के हथियारों की कैटेगरी में आते हैं।