किसकी सरकार में सबसे ज्यादा रेल हादसे हुए:
ओडिशा रेल हादसे के बाद विपक्ष खासकर कांग्रेस बीजेपी सरकार को घेर रही है, कांग्रेस इस हादसे का दोष प्रधानमंत्री मोदी को दे रही है और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग कर रही है। उधर अमेरिका जाकर राहुल गांधी इस रेल हादसे पर राजनीति कर रहे हैं। राहुल गांधी बिना फैक्ट्स के कुछ भी काल्पनिक बातें कर रहे हैं। लेकिन भारत में हुए रेल हादसों के आंकड़े सामने आ गए हैं और पता चल गया है की किसकी सरकार में सबसे ज्यादा रेल हादसे हुए हैं बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस के लोगों को पहले भारत में हुए रेल हादसों के आंकड़ों को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए था।
किसकी सरकार में सबसे ज्यादा रेल हादसे हुए
बीजेपी की सरकार को 9 साल हुए हैं, और कांग्रेस ने तो देश में 65+ सालों तक राज किया है। अगर कांग्रेस शासन के 65 वर्षों के दौरान हुए रेल हादसों को बीजेपी की 9 साल की गवर्नेंस से कम्पेयर किया जाए तो यह नाइंसाफी होगी। इसी लिए अपन बीजेपी और कांग्रेस के आखिरी 9-9 सालों के दौरान हुए रेल हादसों की बात करते हैं.
बीजेपी की 9 साल की सरकार के दौरान कुल 638 छोटे-बड़े रेल हादसे हुए हैं। 2014 से लेकर 2023 जून तक इन हादसों में 781 लोगों की जानें गई हैं। शुक्रवार को ओडिशा में हुए हादसे में मारे गए 288 लोगों को जोड़ा जाए तो मरने वालों की संख्या 1069 हो जाती है।
कांग्रेस की सरकार में कितने रेल हादसे हुए
1947 के बाद से लेकर 2014 तक कांग्रेस के शासन में कितने रेल हादसे हुए और कितने मारे गए इसकी गिनती ना ही पूछो तो अच्छा है। क्योंकि बिहार रेल हादसा 1981 में ही 750+ लोगों की मौत हो गई थी। इसी लिए कांग्रेस के आखिरी 9 सालों में हुए रेल हादसों के बारे अपन बात करेंगे कांग्रेस सरकार के आखिरी साल यानी 2013-14 में ही 118 रेल हादसे हुए थे। यानी हर तीन दिन में एक रेल हादसा। इस दौरान 152 लोगों की जान गई थी। 2013-14 में ट्रेन के डेरेल होने की टोटल 53 घटनाएं हुई थीं और 2022-23 ऐसी सिर्फ 36 घटनाएं हुई हैं। पूरे 9 साल के आंकड़ों की बात करें तो कांग्रेस के आखिरी 9 सालों में 1477 रेल हादसे हुए थे यानी हर दो दिन में एक रेल हादसा और इस दौरान 2217 लोगों की जान गई थी।
रेलवे का विकास किसकी सरकार में हुआ?
मोदी सरकार ने सत्ता में आने के साथ ही रेलवे के विकास कार्य और सुरक्षा के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू कर दिए थे। बीजेपी की सरकार में रेलवे ने लेवल क्रॉसिंग को खत्म करने का मिशन शुरू किया था। देश में ब्रॉडगेज रूट पर पड़ने वाले सभी मानव रहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्त कर दिया गया है। 2014 से 2022 तक मोदी सरकार ने सालाना 676 मैन्ड लेवल क्रॉसिंग बंद की हैं जबकि आखिरी 9 सालों में कांग्रेस ने सालाना सिर्फ 199 क्रॉसिंग खत्म की थीं। 2014 से लेकर 2022 में मोदी सरकार ने हर साल 1225 ROB का निर्माण कराया है वहीं कांग्रेस ने अपने अंतिम 9 सालों में सिर्फ 763 ROB बनवाए। कांग्रेस के आखिरी साल 2013-14 तक रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन सिर्फ 33% था लेकिन 2014 से लेकर 2023 तक 90% रेलवे रूट इलेक्ट्रिक हो चुके हैं। कांग्रेस सरकार में रेलवे सालाना आधार पर सिर्फ 2885 किमोमीटर पटरिया बिछा पाती थी लेकिन मोदी सरकार में रेलवे ने हर साल 37,159 किमोमीटर का नया ट्रैक बनाने का काम किया है बीजेपी सरकार रेलवे को सालाना 2.40 लाख करोड़ रुपए का बजट देती है और कांग्रेस ने अपने अंतिम साल में इससे 9 गुना कम बजट दिया था
किस रेल मंत्री के कार्यकाल में सबसे ज्यादा रेल हादसे हुए?
- ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहते हुए 54 ट्रेनों की टक्कर और 839 ट्रेनें बेपटरी हुई थीं। इस दौरान 1451 लोगों की मौत हुई थी।
- नितीश कुमार के रेल मंत्री रहते हुए 79 टक्कर हुईं और 1000 ट्रेनें बेपटरी हुईं। इस दौरान 1451 लोगों की मौत हुई।
- लालू प्रसाद यादव के रहते हुए 51 ट्रेनों की टक्कर हुई और 550 ट्रेनें बेपटरी हुईं। इस दौरान 1159 लोगों की मौत हुई।
- मोदी सरकार में अबतक 9 सालों में 29 टक्कर हुईं, 426 ट्रेनें बेपटरी हुईं और 781 लोगों की मौत हुई।
यह आंकड़े संख्या के रूप में प्रस्तुत करते हैं और इसका मतलब यह नहीं है कि रेल मंत्री के सीधे प्रभाव से हादसों का जिम्मेदार वही होता है। रेलवे हादसों के कारण बहुत सारे फैक्टर्स हो सकते हैं और इन हादसों के पीछे कई तत्वों का संयोग हो सकता है। रेल सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नियम और नियमों का पालन भी महत्वपूर्ण होता ह