उज्जैन के रामघाट पर 20 मई से गंगा दशहरा महोत्सव की शुरुआत होगी।

उज्जैन में गंगा दशहरा महोत्सव 20 मई से शुरू होगा। महोत्सव 15 दिनों तक चलेगा और रामघाट पर मोक्षदायिनी शिप्रा में सुबह शिप्रा गंगा माता का अभिषेक पूजन होगा। शाम को महाआरती की जाएगी। धर्माधिकारी तीर्थपुरोहित पंडित गौरव उपाध्याय ने बताया कि शिप्रा तट पर गंगा दशहरा उत्सव अनादिकाल से चली आ रही है और यह क्रम ज्येष्ठ पूर्णिमा 3 जून तक चलेगा।

गंगा दशहरा महोत्सव उज्जैन: इस बार भी मई के 20 से उत्सव मनाया जाएगा। गंगा दशमी के दिन, 30 मई को शिप्राजी के दुग्धाभिषेक के साथ सौभाग्य सामग्री अर्पित की जाएगी। शाम को गोधूलि वेला में चुनरी अर्पण कर गंगा दशहरा मनाया जाएगा। इसके बाद एक हफ्ते तक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

गंगा दशहरा महोत्सव के दौरान गंगा माता की सवारी भी निकाली जाएगी। इस अवसर पर लोग गंगा माता की सवारी को देखने के लिए उमड़ जाते हैं। इस सवारी को निकालने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं जो सभी लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करती हैं।

श्री गंगा माता मंदिर, भागसीपुरा से गंगा दशहरा उत्सव के लिए गंगाजी की सवारी निकलेगी। इसके बाद माँ गंगा को श्री पिशाच मोचन तीर्थ के सामने रामघाट पर विराजित किया जाएगा। यहां पर 15 दिन तक गंगा माता की मूर्ति विराजित रहेगी।

इस उत्सव के दौरान भगवान शिव की पूजा भी की जाती है। यह उत्सव गंगा माता को समर्पित होता है जो भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। यह उत्सव श्रद्धालुओं को अपने पूर्वजों की याद दिलाने और धर्म के महत्व को जागृत करने का एक बहुत ही शांतिपूर्ण उत्सव है।