भारत के Private Credit सेक्टर में विश्व की बड़ी कंपनियां निवेश की योजना बना रही हैं।

विश्व की प्रमुख कंपनियाँ भारत के निजी क्रेडिट सेक्टर में निवेश की योजना बना रही हैं। इससे प्रदेश के वित्तीय बाजार में बढ़ती रुचि और आत्मविश्वास की प्रकटि हो रही है। भारत के निजी क्रेडिट सेक्टर में विभिन्न वित्तीय संस्थान और गैर-बैंकिंग संस्थान शामिल होते हैं, जो व्यापारों और व्यक्तियों को क्रेडिट सुविधाएं और ऋण प्रदान करते हैं।

वैश्विक प्रमुख कंपनियों की भारत के निजी क्रेडिट सेक्टर में निवेश करने की योजना कई लाभों के साथ आती है। पहले, इससे सेक्टर की वृद्धि को संचालित करने के लिए महत्वपूर्ण निवेश प्राप्त होता है और इससे अर्थव्यवस्था के सम्पूर्ण विकास में योगदान मिलता है। इन निवेशों को क्रेडिट ऑपरेशन का विस्तार करने, नवाचारी वित्तीय उत्पादों का प्रस्तावन करने और प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

अब तक, ये कंपनियाँ निम्नलिखित क्षेत्रों में निवेश किया हैं:

  1. पावर इंटरनेशनल होल्डिंग: इस ग्रुप ने जनरल कॉन्ट्रैक्टिंग, इंडस्ट्रीज एंड सर्विसेज, कृषि एंड फूड इंडस्ट्रीज, रियल एस्टेट और लाइफस्टाइल सेक्टर में निवेश किया है।
  2. एचपीएस पार्टनर्स: यह कंपनी कैपिटल सेक्टर में बॉन्ड्स और लोन आदि में निवेश करती है। इसके पास अप्रैल तक 101 अरब डॉलर का एयूएम है, जिसमें से पब्लिक क्रेडिट 22 अरब डॉलर है और प्राइवेट क्रेडिट 79 अरब डॉलर है।
  3. फोर्ट्रेस इन्वेस्टमेंट ग्रुप: इस ग्रुप का नाम भी बड़ी ग्लोबल इंवेस्टमेंट ग्रुप में शामिल है। 31 मार्च तक, कंपनी का एयूएम 44.2 अरब डॉलर का था।

इन कंपनियों ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत के निजी क्रेडिट सेक्टर में निवेश करके वित्तीय बाजार को स्थायीता और विश्वसनीयता प्रदान करने का प्रयास किया है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है

भारत में निवेश कर रहे ये निवेशक कई कारणों से प्रेरित हो रहे हैं:

  1. सुदृढ़ अर्थव्यवस्था: मौजूदा समय में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इसका कारण है कि निवेशकों को भारत में विश्वसनीय और मुनाफावसूल निवेश के अवसर मिल रहे हैं।
  2. वृद्धि कर रही ऋण मांग: भारत में ऋण की मांग भी काफी तेजी से बढ़ रही है। यह बिजनेसों और व्यक्तियों को निवेश के लिए वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता को उच्च स्तर पर उठा रही है। इससे निवेशकों को ऋण प्रदान करने वाले कंपनियों के लिए उपयुक्त मौके प्राप्त हो रहे हैं।
  3. वैश्विक कंपनियों के निवेश: न केवल वैश्विक निवेशक, बल्कि भारत की बड़ी कंपनियां भी निजी क्रेडिट सेक्टर में लगातार उतर रही हैं। हाल ही में भारत की सबसे बड़ी कंपनी, रिलायंस ने भी इस सेक्टर में निवेश करने की योजना बनाई है। इससे व्यापारिक