जवा, अतरैला, रामबाग की ग्रामीण सड़कों पर बढ़ा भारी मालवाहक वाहनों का आवागमन, सड़के हो रही समाप्त

जवा, अतरैला, रामबाग से रीवा से प्रयागराज जाने वाले मालवाहक वाहन वर्तमान में उत्तर प्रदेश तक एक अलग मार्ग का उपयोग करके पहुंच रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि रीवा, सतना, और चाकघाट से उत्तर प्रदेश की प्रयागराज यात्रा करने वाली वाहनों ने मुख्य मार्ग की बजाय स्थानीय सड़कों का उपयोग किया है। रिपोर्ट के अनुसार, 1 जून से यमुना नदी पर नया पुल निर्माण कार्य चल रहा है और इसके कारण भारी वाहनों की गतिविधि पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस वजह से, रीवा और सतना से आने वाले मालवाहक वाहन जवा, अतरैला और रामबाग के माध्यम से उत्तर प्रदेश की प्रयागराज की ओर जा रहे हैं।

नये यमुना पुल में 1 जून 2023 से मरम्मत का कार्य चालू होने से भारी मालवाहक वाहनों का परिवहन पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। इसके कारण, अवैध रूप से वाहनों का आवागमन क्षेत्रीय मार्गों में काफी बढ़ गया है। मालवाहक भारी वाहन स्थानीय सड़कों का उपयोग करके उत्तर प्रदेश तक पहुंच रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, क्षेत्र की सड़कें काफी खराब हो चुकी हैं और दुर्घटना की संभावना बढ़ गई है।

अवैध रूप से आ रहे वाहनों के चलने से रीवा और सतना ज़िले के लिए उत्तर प्रदेश से आने-जाने वाले वाहनों में कोई अड़ंगा नहीं है। इसी तरह, यहां से जाने वाले वाहन भी स्थानीय मार्गों का उपयोग कर रहे हैं। इसका एक कारण यह है कि इस मार्ग पर परिवहन विभाग द्वारा कोई चेकपोस्ट नहीं है और इन वाहनों को पकड़ाने का डर भी नहीं है, क्योंकि इन मार्गों पर नियमित चेकिंग करना मुश्किल होता है जिसके कारण शासन के राजस्व में काफी नुक़सान हो रहा है।

रात में गाड़ियां ओवरलोड रेत, गिट्टी और अन्य सामग्री को सहित सेमरिया, बउलिया घाट, रामबाग, अतरैला से शंकरगढ़ और वहां से उत्तर प्रदेश की ओर जा रही हैं। अवैध तरीके से इन मार्गों पर वाहनों का संचालन होने के कारण वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है। इस परिणामस्वरूप, एक ओर मध्य प्रदेश सरकार को राजस्व का बहुत नुकसान हो रहा है, जबकि दूसरी ओर कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण सड़कें समाप्त हो रही हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि मई महीने में 2-4 दिनों तक परिवहन विभाग सक्रिय रहा, लेकिन इसके बाद कार्यवाही अचानक रोक दी गई है। इसका मतलब है कि राजनीतिक दबाव के कारण अब कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। ग्रामीण निवासियों के लिए जीवन और संपत्ति का खतरा दिनों-दिन बढ़ रहा है, और प्रशासनिक अमला अकारण विलम्बित है। इसके बावजूद, मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत निर्मित सड़कों में भारी मालवाहक वाहनों का पूर्णतया प्रतिबंधित हो जाना है। बस संचालक और स्थानीय निवासी एक आंदोलन चला रहे हैं, जिसका मतलब है कि उक्त सड़क पर दौड़ने वाले वाहनों के मालिकों के अनुसार सड़क की स्थिति दिनों-दिन खराब हो रही है।

सड़क सुरक्षा अधिनियम के तहत इन वाहनों का आवागमन बंद होना चाहिए। इसके लिए वाहनों की चेकिंग और कार्यवाही करने की आवश्यकता है। बस संचालक और स्थानीय आमजनों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन और कोई ध्यान नहीं देता है, तो वे मजबूरन सड़क में धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य हो सकते हैं। इस मामले में जवा क्षेत्र के बस संचालक राजनारायण मिश्रा, राधा बल्लभ बस के मालिक पुष्पेन्द्र द्विवेदी, महालक्ष्मी बस के संचालक संतोष गुप्ता, सिरमौर से हेमू पांडेय, पटेहरा से केशव कनकोरिया और अन्य लोगों ने इस बात को जताया है।