कुनो चीता परियोजना: कूनो में नर चीतों ने मादा चीते की हड्डियों को तोड़ दिया

दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाई गई चार साल की मादा चीता दक्षा की नौ मई को हुई मौत की गुत्थी सुलझ गई है। कूनो में ही शव का पोस्टमार्टम करने वाली टीम के एक सदस्य के मुताबिक दो नर चीतों ने दक्षा के साथ मेटिंग (सहवास) के दौरान उस पर गंभीर हमला किया। हमला इतना घातक था कि मादा चीता के सिर की हड्डियां टूट गईं और भीतर की ओर तक धंस गईं। घातक हमले से दक्षा का मस्तिष्क पंचर हो गया था। इस दौरान उसके पेट और पैर पर भी नर चीतों ने पंजों से घातक वार किया था। वहां से मांसपेशियां बाहर निकली मिलीं। बता दें कि चीतों के संरक्षण को लेकर जबलपुर की स्कूल आफ वाइल्ड लाइफ हेल्थ एंड फारेंसिक लैब के एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है। भविष्य में चीतों की मौत न हो, इसके लिए जांच दल में शामिल जबलपुर के वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने मादा चीते के पोस्टमार्टम के बाद कई अंगों के सैंपल लिए, जिसकी जांच जबलपुर के नानाजी देश

विस्तृत रिपोर्ट की तैयारी जोरों पर: अपनाए जा रहे नए तरीके

डायरेक्टर डा. शोभा जवार, स्कूल ऑफ़ वाइल्डलाइफ फारेंसिक एंड हेल्थ सेंटर की तरफ से एक बयान जारी हुआ है, जिसमें बताया गया है कि दक्षा के शरीर से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। वर्तमान में उनके अंगों के सैंपल की जांच हो रही है ताकि उनकी मौत के मुख्य कारण को जाना जा सके। एक टीम भी इस मामले पर काम कर रही है।

डा. शोभा जवार ने बताया कि मादा चीता साशा की मौत कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के फेल हो जाने के कारण हुई थी, जिससे उसके शरीर में किडनी का काम करना बंद हो गया था। बाद में, विज्ञानियों ने चीते उदय की मौत के सैंपलों की जांच करने के बाद पाया कि उसकी मौत मिक्स्ड इंफेक्शन से हुई थी। कुछ बैक्टीरियल और कुछ वायरल इन्फेक्शन का भी पता चला है। वायरस और बैक्टीरिया के डीएनए वायरोलाजी लैब में भेजे गए हैं, जहां से यह पता लगाया जाएगा कि उदय को कौन से वायरस और बैक्टीरिया से इं

नर चीतों और मादा चीते के बीच संघर्ष की स्थिति बन सकती है: संशय में मादा चीता की मौत के बाद उदय को भी मिली इंफेक्शन

दो नर चीतों के मादा चीता के साथ संघर्ष: क्या इससे मृग-मैत्री का अंत होगा, जूलाजी के प्रोफेसर विनायक तोमर ने कहा, “मुरैना स्थित कन्या कालेज में बंद रहे दो नर चीतों के मादा चीता के साथ होने वाली हिंसक संघर्ष की परिस्थिति वन्य जीवों के व्यवहार के अनुरूप होगी। इससे दोनों नर चीतों के मादा चीता के करीब जाने की प्रतिस्पर्धा होगी। मेटिंग के दौरान मेल में व्यवहार की आक्रामकता कितनी हिंसक होगी, इसे अभी तक कोई नहीं जानता है। हमला बड़ा या छोटा हो सकता है।”