मध्य प्रदेश के ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार: रीवा जनपद के एक मामले में 43.5 लाख की वसूली का आदेश

मध्य प्रदेश के ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार का मामूला स्तर पर बढ़ रहा है, जिसका एक नया उदाहरण रीवा जिले के गंगेव जनपद की चौरी पंचायत से सामने आया है। यहां 38 ग्राम पंचायतों में हुए कराधान घोटाले ने साबित किया है कि भ्रष्टाचार गहराई तक फैला हुआ है और नए मामले आए दिन सामने आ रहे हैं।

दरअसल, रीवा के गंगेव जनपद में होने वाली ग्राम पंचायत चौरी में हुई जांच में सामने आया है कि ग्रामीण विकास के लिए दी जाने वाली राशि में बड़ी में गड़बड़ी मिली है। जहां पर 38 ग्राम पंचायतों में हुए व्यापक स्तर के कराधान सामने आया है।

इस मामले में, जिला पंचायत सीईओ संजय सौरभ सोनवणे ने धारा 89 की सुनवाई के बाद एक अंतिम नोटिस जारी करके सहायक लेखाधिकारी, सरपंच, सचिव, और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ 43 लाख 50 हजार 46 रुपए की वसूली के आदेश जारी किए हैं।

इस मामले में धारा 89 की सुनवाई में सहायक लेखाधिकारी और जनपद सीईओ प्रमोद कुमार ओझा पर कार्रवाई की गई है, लेकिन इसमें इन्हें दोषमुक्त किया गया जबकि वे पहले और द्वितीय सिग्नेटरी थे। इस तरीके के मामलों की वजह से ही ग्रामीणों को उनके विकास कार्यों के लिए मिलने वाली धनराशि का भी उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है।