रीवा जिला पंचायत के एडिशनल CEO को निलंबित कर दिया गया है।

आखिरकार, रीवा संभागायुक्त ने एक बड़ी कार्यवाही की और लापरवाह अधिकारियों को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। संभागायुक्त अनिल सुचारी ने तत्काल प्रभाव से रीवा जिला पंचायत में पदस्थ अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी अवध बिहारी खरे को निलंबित कर दिया है। निलंबन आदेश जारी करते हुए संभागायुक्त ने बताया कि अवध बिहारी का मुख्यालय निलंबनावधि में सतना जिला पंचायत में निर्धारित किया गया है।

आधारभूत रिपोर्ट के अनुसार, कलेक्टर रीवा द्वारा प्रस्तुत अवधारणा जनपद पंचायत कार्यालय नईगढ़ी की निरीक्षण करने पर पता चला कि पदस्थ प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अवध बिहारी खरे, अनुपस्थित थे। उनके फोन की कोशिश की गई, लेकिन फोन स्विच ऑफ था। समीक्षा के दौरान पता चला कि कई जनकल्याण कार्य अधूरे रह गए हैं। कलेक्टर द्वारा जारी किए गए पत्र में यह जानकारी संभागायुक्त रीवा को सूचित की गई थी।

स्थानीय लोगों से मिल रही थी लगातार शिकायतें, न केवल इसलिए कि कलेक्टर रीवा ने निरीक्षण के दौरान प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी नईगढ़ी, बिहारी खरे, को अनुपस्थित पाया था, बल्कि भीतर से लोग लगातार कार्यालय से गायब रहने की शिकायत कर रहे थे। सीईओ के प्रति ऐसी ही जानकारी जनप्रतिनिधियों भी दे रहे थे। जनपद क्षेत्र के नेताओं ने बताया कि प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने कार्यों में रुचि नहीं लेते हैं। इस परिस्थिति में जन कल्याणकारी कार्य प्रभावित हो रहे हैं और हितग्राहियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इसका सीधा प्रभाव सत्ताधारी पार्टी की छवि पर पड़ रहा है।

संभागायुक्त अनिल सुचारी ने अवध बिहारी खरे को जनपद पंचायत नईगढ़ी जिला रीवा के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में अवध बिहारी खरे का मुख्यालय सतना जिला पंचायत में नियत किया गया है। यह निलंबन का आदेश मानते हुए उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने की पात्रता होगी। निलंबन की कार्यवाही के दौरान अवध बिहारी खरे को प्रदान किए गए कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही और कदाचार का आरोप लगाया गया है। इसके परिणामस्वरूप, मध्य प्रदेश सिविल सेवा अधिनियम 1966 के नियम 9-1 (क) के तहत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाता है।