रीवा कलेक्टर द्वारा स्कूल बसों में सुरक्षा के मापदंड सुनिश्चित कराने के निर्देश

कलेक्टर प्रतिभा पाल ने स्कूल बच्चों की बसों में सुरक्षित आवागमन के लिए सभी सुरक्षा के मापदंड पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देशित किया है कि शिक्षण सत्र प्रारंभ होने से पहले बसों में सुरक्षा के मापदंड पूरे करवाएं। उन्होंने निर्देशित किया है कि स्कूल बस पीले रंग में रंगी होनी चाहिए। बसों के आगे और पीछे बड़े और स्वच्छ अक्षरों में “स्कूल बस” लिखा होना चाहिए। यदि स्कूल बस किराए पर है, तो उस पर आगे और पीछे “विद्यालय सेवा में” (आन स्कूल ड्यूटी) लिखा जाना चाहिए। विद्यालय द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली बस में निर्धारित सीटों से अधिक संख्या में बच्चे नहीं बैठाए जाएं। प्रत्येक बस में अनिवार्य रूप से प्राथमिक चिकित्सा हेतु फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था की जाए।

बस की खिड़कियों में ऑडी पट्टियां (ग्रिल) अनिवार्य रूप से लगाई जानी चाहिए। प्रत्येक बस में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था होनी चाहिए। बस में स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर बड़े अक्षरों में अवश्य लिखा जाना चाहिए। बस में वाहन चालक को भारी वाहन चलाने का कम से कम 5 वर्ष का अनुभव होना चाहिए और पहले ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। बस में वाहन चालक के अतिरिक्त अन्य वयस्क व्यक्ति भी हो सकते हैं, यदि बस में छात्राएं हों तो उस बस में महिला अध्यापक या सहायिका की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।

बस की खिड़कियों में ऑडी पट्टियां (ग्रिल) अनिवार्य रूप से लगाई जानी चाहिए। प्रत्येक बस में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था होनी चाहिए। बस में स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर बड़े अक्षरों में अवश्य लिखा जाना चाहिए। बस में वाहन चालक को भारी वाहन चलाने का कम से कम 5 वर्ष का अनुभव होना चाहिए और पहले ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। बस में वाहन चालक के अतिरिक्त अन्य वयस्क व्यक्ति भी हो सकते हैं, यदि बस में छात्राएं हों तो उस बस में महिला अध्यापक या सहायिका की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।

बच्चों के बैग रखने के लिए सीट के नीचे जगह होनी चाहिए। बसों में नियमानुसार दो दरवाजे प्रवेश और निर्गम के लिए होने चाहिए, और आपातकालीन खिड़की लगी होनी चाहिए। बस में गति नियंत्रक, यानी स्पीड गवर्नर, को 40 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर फिक्स किया होना चाहिए। बसों के दरवाजों पर लगे लॉक की स्थिति सही होनी चाहिए। स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम और सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य है। स्कूल बस में वीएलटीडी डिवाइस और पैनिक बटन लगाया जाना अनिवार्य है।

उन्होंने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित हो कि स्कूल बस में चालक का नेत्र परीक्षण और इस दृष्टि से स्वास्थ्य परीक्षण करवाएं, कि वह मादक द्रव्यों का सेवन नहीं करता है, और नियमानुसार 6 माह के अंतराल में वाहन चालक का डॉक्टरी परीक्षण कराना आवश्यक है। किसी भी शिक्षक या पालक को बस में सुरक्षा मूल्यांकन के दृष्टिकोण से जाने की सुविधा होनी चाहिए। उपरोक्त निर्देशों का पालन न करने पर संबंधित स्कूल बस संचालक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल के स्वामित्व या अनुबंधित स्कूली वाहनों में मानकों की पूर्ति आवश्यक है, इसलिए स्कूल प्रबंधन द्वारा ट्रांसपोर्ट मैनेजर की नियुक्ति की जानी चाहिए, जो बच्चों के सुरक्षित परिवहन के प्रबंधन की गारंटी देते हैं। स्कूल प्रबंधन द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कौन सा बच्चा किस वाहन से स्कूल आ रहा है या स्कूल से जा रहा है। स्कूल प्रबंधन द्वारा ब