रीवा: चोरहटा के बाबूपुर में 227 वर्ष पूर्व हुए नैखाई युद्ध में शहीद हुए योद्धाओं की स्मृति में बन रहा शौर्य स्मारक, राजेन्द्र शुक्ला ने किया निरीक्षण।

रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला ने चोरहटा के बाबूपुर पहुंच कर वहां चल रहे शौर्यस्मारक के जीर्णोद्धार कार्य का निरीक्षण किया | रीवा राज्य में पेशवा की सेना द्वारा किए गए आक्रमण को मुहतोड़ जवाब देने के लिए नैकहाई युद्ध हुआ था। इस युद्ध के 227 वर्ष पूरे हो चुके हैं, आठ फरवरी 1796 को बाजीराव पेशवा के वंशज अलीबहादुर की सेना और रीवा राज्य के योद्धाओं के बीच बाबूपुर में युद्ध हुआ था।

33 योद्धाओं की छतरियाँ हैं मौजूद

पेशवा के सेनापति यशवंतराव नायक के नेतृत्व में रीवा राज्य में हुए हमले को इतिहासकार असद खान ने बताया। इस हमले में कलंदर सिंह कर्चुली और गजरूप सिंह बाघेल के नेतृत्व में दो टुकड़ियां युद्ध के लिए पहुंची थी। इस युद्ध में 12 बाघेल, नौ कर्चुली, एक परिहार, एक गहरवार, एक चंदेल, एक पाठक, एक बारी, एक बरगाही, दो मुसलमान योद्धा शहीद हुए थे। नैकहाई के नाम से प्रसिद्ध इस युद्ध स्थल पर अब भी 33 योद्धाओं की छतरियां जर्जर हालत में बनी हुई हैं, जो उनके बालिदान और गौरवपूर्ण युद्ध कहानी को समेटे हुए हैं। पेशवा की सेना में दस हजार सैनिक थे, जिनका सामना रीवा से 200 योद्धाओं ने किया और जीत हासिल की।

शहीदों के गांव से लाई जाएगी मिट्टी

रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला ने स्मारकों में चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया और कहा कि शहीदों के गांव से मिट्टी लाकर इन स्मारकों में डाली जाएगी |

बाबूपुर में जहां पर युद्ध लड़ा गया था, उस वीर भूमि में बनाई गई छतरियां प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हो गई हैं। उनके आसपास अतिक्रमण किया जा रहा है और कई छतरियां भी तोड़ दी गई हैं। इसके साथ ही, चोरहटा उद्योग विहार की फैक्ट्रियों का कचरा भी फेका जा रहा है। इसके संरक्षण की मांग भी उठाई जाएगी।