मध्य प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल 16 जून से फिर से खुलेंगे। इस बार विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें भी समय पर मिलेंगी। अब विद्यार्थियों की पाठ्यपुस्तकों को मोबाइल एप के जरिए ट्रैक किया जाएगा। इस बार यह पुस्तकें विद्यार्थियों को समय पर मिल जाएंगी। दरअसल हर स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें नवंबर-दिसंबर तक ही स्कूलों में पहुंच पाती थीं, इसलिए इस सत्र में स्कूल शिक्षा विभाग ने नई पहल की है। विद्यार्थियों को किताबें मिलीं या नहीं, इसकी मोबाइल एप से ट्रैकिंग की जाएगी।
मध्य प्रदेश के समस्त सरकारी स्कूल 16 जून से फिर से खुल जाएंगे।
पहले छात्रों को समय पर पाठ्य पुस्तकें नहीं मिलती थीं, इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग ने एक ऑनलाइन टेक्स्ट बुक वितरण ट्रैकिंग मोबाइल ऐप तैयार की है। इससे सत्र 2023-24 के पहले से बारहवीं तक की पाठ्य पुस्तकों का ट्रैकिंग होगा। मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा जो ऐसी व्यवस्था को लागू करेगा। यह बताने वाला है कि हर साल मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा प्रदेश भर के छात्रों के लिए सात करोड़ पाठ्य पुस्तकें छपाई जाती हैं, लेकिन इनकी वितरण में अनियमितता के कारण छात्रों को समय पर पुस्तकें नहीं मिल पाती थीं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। ट्रैकिंग के माध्यम से छात्रों को समय पर पुस्तकों की वितरण की सुविधा मिलेगी।
ट्रैकिंग के माध्यम से प्रदान करने और वितरण की मानीटरिंग
तीन चरणों में होगी मानीटरिंग इस ट्रैकिंग के माध्यम से प्रदान करने और वितरण की मानीटरिंग राज्य, जिला व विकासखंड स्तर पर होगी। प्रथम चरण में पाठ्य पुस्तक ट्रैकिंग प्रणाली में मप्र पाठ्य पुस्तक निगम के डिपो से पुस्तकों को विकासखंड स्तर पर भेजा जाता है। वहां पर विकासखंड स्त्रोत समन्वयक (बीआरसी) द्वारा मोबाइल एप के माध्यम से बंडल के जीओ टैग फोटो के साथ प्राप्ति दर्ज करेंगे। अगर किताबें क्षतिग्रस्त और कम पहुंचती हैं तो 15 दिन के अंदर इनकी जानकारी मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज करना होगा। इस एप के माध्यम से स्कूल में कक्षा के अनुसार विद्यार्थियों की संख्या दर्ज होगी।
विकासखंड स्तर से जैसे ही स्कूल का डिस्पैच आर्डर
बीआरसी तैयार करेंगे डिस्पैच ऑर्डर बताया गया है कि बीआरसी की ओर से डिस्पैच आर्डर तैयार किए जाएंगे। विकासखंड स्तर से जैसे ही स्कूल का डिस्पैच आर्डर लाक करेंगे। संबंधित स्कूल के संस्था प्रमुख को मोबाइल एप पर उनके लाग इन पर दिखाई देने लगेगा। इसके अलावा किताबों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए रूट चार्ट किया गया है। इसके माध्यम से भी ट्रैकिंग कर सकते हैं। मोबाइल एप पर कक्षा अनुसार दर्ज बच्चों के नाम प्रदर्शित होंगे। उसके अनुसार पुस्तकों का वितरण किया जाएगा।